(जामिया से मुकुल सिंह चौहान की रिपोर्ट)
प्रतिवर्ष 23 मार्च को ‘शहीद दिवस’ के मौके पर पूरा देश हमारे नायक भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को याद करता है। देश के स्वतंत्रता संग्राम में इन क्रांतिकारियों के अद्भुत बलिदान को याद कर गर्व महसूस करते हुए उन्हें देशभर में श्रद्धांजलि दी जाती है। उनकी याद में जगह-जगह अनेक कार्यक्रमों आयोजित किये जाते हैं।
इसी क्रम में राजधानी दिल्ली में स्थित जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में भी छात्रों ने इन शहीदों की याद में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। यह आयोजन गुलिस्ताँ-ए-ग़ालिब परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से किया गया।
कार्यक्रम में छात्रों ने देश के प्रति शहीदों की भावना और मातृभूमि के लिए उनके महान त्याग को स्मरण करते हुए उस पर चर्चा की। वार्ता सत्र में सभी ने अपने विचार रखे और स्वतंत्रता सेनानियों को अपना प्रेरणास्त्रोत बताते हुए राष्ट्र के प्रति पूरे समर्पण भाव के साथ मेहनत करने का प्रण किया। इसके अलावा देशप्रेम और सीमा पर देश की सुरक्षा में तत्पर जवानों के परम-कर्तव्यों को सलाम करते हुए छात्रों ने अपनी स्वरचित कविताओं का भी पाठ किया।
ध्यातव्य है कि प्रति वर्ष 23 मार्च को मनाया जाने वाला ‘शहीद दिवस’ गुलाम भारत के एक काले दिन और भारतीयता के शौर्य का प्रतीक है। क्रूर ब्रिटिश शासन ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने के लिए स्वतंत्रता संग्राम के युवा क्रांतिकारियों शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में फांसी दी थी। लेकिन इस फांसी ने न सिर्फ इन वीर सपूतों को इतिहास में अमर कर दिया बल्कि आज़ादी की लड़ाई में नया जोश भर दिया था। आज भी देश के करोड़ों युवा इन वीर शहीदों को अपना नायक मानकर उनसे प्रेरणा प्राप्त करते हैं।