मानव स्वभाव से ही जिज्ञासु होता है। देश-विदेश की यात्रा की ललक के पीछे भी मनुष्य की जिज्ञासु प्रवृत्ति ही काम करती आई है। यदि मनुष्य चाहता तो वह घर बैठे ही पुस्तकों द्वारा यह जानकारी प्राप्त कर लेता। किंतु पुस्तकों से प्राप्त जानकारी का आनंद कछ ऐसा ही है जैसे किसी चित्र को देखकर हिमालय के सघन देवदार के वनों और हिमाच्छादित शिखरों के सौंदर्य, रूप, गंध का अनुभव करना। महापंडित राहुल सांकृत्यायन के शब्दों में, ‘‘घुमक्कड़ दुनिया की सर्वश्रेष्ठ विभूति है इसलिए कि उसी ने आज की दुनिया को बनाया है। अगर घुमक्कड़ों के काफिले न आते-जाते तो सुस्त मानव-जातियाँ सो जातीं और पशु स्तर से ऊपर नहीं उठ पातीं।”
भारत असंख्य अनुभवों और मोहक स्थलों का देश है। चाहे भव्य स्मारक हों,प्राचीन मंदिर या मकबरे हों,इसके चमकीले रंगों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रौद्योगिकी से चलने वाले इसके वर्तमान से अटूट संबंध है। केरल, शिमला, गोवा, आगरा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, मथुरा, काशी जैसी जगह तो अपने विदेशी पर्यटकों के लिए हमेशा चर्चा में रहती हैं। भारत में अपने लोगों के साथ लाखों विदेशी लोग प्रतिवर्ष भारत घूमने आते हैं। भारत में पर्यटन की उपयुक्त क्षमता है। यहां सभी प्रकार के पर्यटकों को चाहे वे साहसिक यात्रा पर हों, सांस्कृतिक यात्रा पर हो, तीर्थयात्रा करने आए हों या खूबसूरत समुद्री-तटों की सैर पर निकले हों, सबके लिए खूबसूरत जगह हैं।
पर्यटन स्थलों को साफ-सुथरा रखना, पर्यटन स्थलों तक पहुँचने को सुगम एवं आकर्षक बनाना, लोगों के निवास भोजन आदि की उत्तम व्यवस्था करना, पर्यटन स्थलों को मनोरंजन से भरपूर बनाना, सड़क एवं संचार व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखना, लोगों को आकर्षित करने के लिए प्रचार करना आदि कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें करके ही देश के पर्यटन उद्योग को विकसित किया जा सकता है ।भारत में मनाया गया इस वर्ष का ‘पर्यटन पर्व ‘ भी इन्हीं उद्देश्यों को पूरा करता दिखाई दिया।
16 सितंबर से 27 सितंबर 2018 के दौरान पुरे देश में ‘पर्यटन पर्व ‘ आयोजित किया गया। पर्यटन पर्व का आयोजन पर्यटन के लाभों पर केंद्रित उद्देश्यों के लिए किया गया, जिसमें देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया गया तथा ‘सभी के लिए पर्यटन’ के सिद्धांत को सुदृढ़ बनाया गया है।
नई दिल्ली के राजपथ लॉन पर समारोह की निम्नलिखित विशेषताएं रहीं :
- 54 फूड स्टॉलों के साथ फूड कोर्ट
- आईएचएम द्वारा किचन स्टूडियो
- राज्यों के 18 थीम पैवेलियन
- राज्यों/यूटी एवं उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन
- 76 हस्तशिल्प एवं हस्तकरघा स्टॉलों के साथ क्राफ्ट बाजार
- आयुष मंत्रालय के मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान द्वारा योग प्रदर्शन, प्रशिक्षण एवं उपचार
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा ‘ साफ नीयत, सही विकास’ थीम पर प्रदर्शनी
- आगंतुकों के आकर्षण के अन्य कार्यकलाप