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“छात्र राजनीति का गढ़”
सत्यवती महाविद्यालय (सांध्य) में चुनावी कसरत

–Written By जितेंद्र राठौर
बी.कॉम प्रोग्राम
सत्यवती महाविद्यालय (सांध्य)।


देश की सबसे प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी (DU) के छात्रसंघ चुनाव हों और राजधानी की हवाओं में खलबलाहट का दौर न चले ऐसा मुमकिन नहीं!

राजधानी की गर्मी पूरे देश को जलाने और यंहा की सर्दी पूरे देश को ठिठुराने का दम रखती है। दिल्ली की सड़कों से देश की मंजिल के रास्ते गुजरते हैं ऐसा लोगों को मानना है।

इसी दौर में आम चुनावों के ठीक बाद और विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले ही वर्तमान में DUSU के चुनावों का दौर जारी है। 2018 में यूनियन में आई ABVP को इस बार अपने ऊपर पूर्ण विश्वास और उसके साथ दावापेशी है कि हम ही चुनाव जीत रहे हैं! वंही दूसरी और NSUI ने कड़ा लौहा ले सकने के लिए अपनी कमर कस ली है।

ABVP ने आज ही (5 सितम्बर) अपने सारे पत्ते खोल दिए हैं (अक्षित दहिया,प्रदीप तंवर,योगित राठी,शिवांगी खारवाल) और अपने इन प्रतिनिधियों को DUSU यूनिट की दावेदारी के लिए मैदान में उतार दिया है।

DUSU की तैयारी के साथ-साथ अधिक दिलचस्प नज़ारा ग्राउंड की तैयारी या फिर कहें कि कॉलेजों की तैयारी और उनके जुनून जज़्बात को देखने का है।

इसी के निमित्त हमारी “कैम्प्स क्रोनिकल” टीम ‘सत्यवती महाविद्यालय (सांध्य)’ में चुनावी हवा का जायज़ा लेने पंहुची। जी हाँ,ये वही सत्यवती कॉलेज है जिसके बारे में DU में मान्यता है कि चुनावी हवा का रुख मोड़ने के लिए अकेले सत्यवती की दिशा तय करना ही काफी है। छात्र नेताओं का गढ़ माना जाने वाला वो सत्यवती जिसने अनेकों बार अपने छात्रों को DUSU तक जितवाया है। वास्तव में इस जाने-माने महाविद्यालय की सरगर्मी अभी क्या है, इसका पता लगाने हम सीधा कॉलेज गए और कुछ बातों का पता लगाया।

महाविद्यालय के सभी छात्र-प्रितिनिधि पूरी कसरत में जुटे हैं। एक प्रतिनिधि कहता है.. हम यूनियन में आए तो दिन रात आपके हकों के लिए लड़ेंगे, तो दूसरा कह रहा है.. कि आपकी आवाज बुलंद करने के लिए सभी कामों को पूरा करवाने के लिए प्रोटेस्ट-धरने करेंगे। चाहे मामला कॉलेज कैंटीन का हो या लाइब्रेरी सुविधाओं का! प्रवासी छत्रों के सम्मान से लेकर ऑडिटोरियम के सुधार व फेस्ट-इवेंट्स की अच्छी व्यवस्था तथा सुरक्षा,पानी,माहौल जैसी बुनियादी बातों को आकर्षित बिंदु बनाकर चलाया जा रहा है।

इस समय पूरे कॉलेज का वातावरण चुनाव आधारित हुआ पड़ा है, चाहे कोई कॉमर्स विभाग से हो या बी.ए विभाग से, फ्रेशर्स से लेकर प्रवासी छात्रों तक के गुट किसी न किसी रूप में इन चुनावों में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। कॉलेज प्रशासन भी अपनी कड़ी निगरानी रखे हुए है, सुरक्षा संबंधी पुख्ता इंतजाम प्रशासन द्वारा किये गए हैं व किसी प्रकार की परेशानी उतपन्न न हो इसका भी विशेष ध्यान कॉलेज में रखा जा रहा है।

कैम्पइनिंग के दौरान सभी प्रतिनिधि-छात्रों व उनकी टीम का उत्साह देखकर इस बात का अनुमान लगा सकना कठिन लग रहा है कि इस बार बाजी किसके हाथ लगेगी।

लेकिन एक बात स्पष्ट है कि छात्र हितों को सर्वोपरी रखकर जो उनके सम्मान के लिए आगे आएगा या कह सकते हैं कि विचारधारा के इस संग्राम में जिसकी भुजाओं में बल-खम होगा, वही छात्रों का प्रतिनिधित्व करेगा।

Campus Chronicle

YUVA’s debut magazine Campus Chronicle is a first of its kind, and holds the uniqueness of being an entirely student-run monthly magazine.

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