हिंदी साहित्य जगत के महान कवि, कथाकार, निबंधकार, संपादक “अज्ञेय” का जन्म 7 मार्च 1911 को कुशीनगर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई तथा बचपन में उन्होंने संस्कृत, बांग्ला और अंग्रेजी भाषाओं को पढ़ा। आगे चल कर उन्होंने बी. एससी की तथा अंग्रेजी विषय में शिक्षा प्राप्त की। संपादक तथा शिक्षक के रूप में उन्होंने कई वर्षो तक कार्य किया। अज्ञेय का निधन 4 अप्रेल 1987 में हुआ।
साहित्यकारों में अज्ञेय का नाम लिक से हटकर लिखने वाले में आता है | अज्ञेय भाषा की रचनात्मकता को उभारने वाले लेखकों में से हैं, वह मानते हैंकी भाषा का अपना स्वतन्त्र रूप है भाषा किसी भी तरह के बंधन में नही रह सकती| उनकी भाषा में कम शब्दों में अधिक तथा प्रभावपूर्ण बात करने की शक्ति है। “शेखर एक जीवनी” उपन्यास में उन्होंने व्यक्ति के निजी जीवन की वेदना एवं यातना का चित्रण किया है | उनकी कई रचनाओं में रहस्यवाद की झलक होती है, यही कारण है कि उनकी कविताओं में समस्या तथा उनके हल की खोज देखने को मिलती है | वह बनावटीपन से दरू रहने वाले यथार्थवादी रचनाकार है | अज्ञेय की कुछ प्रमुख रचनाएँ है–“इत्यलम“, ”हरी घास पर क्षण भर“,”बावरा –अहेरी “, ”अरे! यायावार रहेगा याद“, ”एक बूूँद सहसा उछली “, ”त्रिशंकु“, ”शरणार्थी“ अदि। अज्ञेय वह लेखक हैं जिन्होंने मनुष्य के मन की पीड़ा को समझा और सामाजिक-सांस्कारिक सम्याओं से परे एक नए दर्शन को अपनी रचनाओं में स्थान दिया।
“जब तक नहीं पा लूँगा अपने से इतर अपने को,
कैसे होगी मुझे अपनी भी पहचान?” – अज्ञेय
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पढ़कर अच्छा लगा।
This is really really amazing yashu… keep doing .. all the best 👍🏻👍🏻