कहाँ से आता ,कहाँ को जाता,
किसका कूड़ा?किसका कूड़ा?
तेरा कूड़ा,तेरा कूड़ा,
कोई न कहता मेरा कूड़ा
दाएँ कूड़ा-बाएँ कूड़ा ,
नुक्कड़ और गलियों का कूड़ा,
हाय रे! कूड़ा! हाय रे! कूड़ा!
कूड़े पर मक्खियों का डेरा ,
मच्छरों ने भी डाला घेरा ,
गड्ढों और नाली का कूड़ा,
कोई न कहता मेरा कूड़ा,
मच्छरों ने आबादी बढाई,
इंसानों की शामत आयी,
डेंगू ,मलेरिया ने की चढ़ाई,
तब भी सबको अक्ल न आयी,
कोई न कहता मेरा कूड़ा ,
हाय रे! कूड़ा! हाय रे ! कूड़ा !
स्कूल आते देखा कूड़ा ,
दफ्तर जाते देखा कूड़ा ,
सबने आँख बचाकर डाला,
गिला कूड़ा ,सूखा कूड़ा,
यहाँ कूड़ा ,वहाँ कूड़ा ,
हाय रे!कूड़ा! हाय रे! कूड़ा !
हर जगह कूड़ा फेलाया,
अपना ही नुक्सान कराया,
नगर–नगर में आयी बीमारी ,
अब तो फेल रही महामारी ,
अस्प्तालों में भीड़ भारी,
इलाज़ करते डाक्टर बारी-बारी,
देखो कैसे आफत आयी ,
कूड़े से ही जान गवाई,
फिर भी प्यारा है ये कूड़ा ,
हाय रे! कूड़ा! हाय रे! कूड़ा!
ऊँची दुकाओं का कूड़ा ,
नीचे मकानों का कूड़ा,
लोकल मार्किट वाला कूड़ा ,
ब्रांडेड मालों वाला कूड़ा ,
हर जगह बस्ता ये कूड़ा ,
हाय रे ! कूड़ा ! हाय रे ! कूड़ा !
बिजली की तारों पे कूड़ा ,
लटका दीवारों पे कूड़ा ,
और कितना सजाओगे कूड़ा,
क्या घर में ही बसाओगे कूड़ा?
तेरा कूड़ा ,तेरा कूड़ा ,
अब तो मानो मेरा कूड़ा,
अब तो होश में आओ सभी ,
मिलकर कूड़ा हटाओ सभी,
सफाई अभियान चलाओ सभी ,
मिलकर करो सभी तयारी ,
कभी न फेलेगी बीमारी ,
घर –घर में होगी खुशियारी…..