Breaking News

Day: September 15, 2018

‘माँ’ की इच्छा के बिना ‘मातृभाषा’ कैसे?

हाय गायज़! (अंग्रेज़ी शब्द हाय व गायज़) आप सोच रहे होंगे कि ये कैसा अभिवादन हुआ। लेकिन ‘नमस्कार’ पढ़ कर आपकी रूचि इस लेख से चली न जाए इसलिए लेखक को ऐसा करना आवश्यक लगा। दरअसल नमस्कार बोलना हमने सीखा ही नही। बचपन में जब माता जी पी.टी.एम. में साथ जाया करती थी तो टीचर…

Read More

कबीरदास : जीवन परिचय (1398- 1518 ईसवीं)

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोय जो मन खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय मध्यकालीन भारत में सामाजिक चेतना को जगाने वालों में से एक कबीरदास भक्तिकाल के ऐसे कवि रहे हैं जो समाज को एक नई दिशा देने की कोशिश की । कबीर के जन्म को लेकर कई किवदंतियां हैं ।…

Read More