विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस: मानवता का सबसे बड़ा पलायन

भारत की आज़ादी सिर्फ़ आज़ादी नहीं बल्कि एक टूटे रिश्ते और बिखरे समाज के साथ आई, जिसका प्रभाव हज़ारों नहीं, लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों मासूम लोगों पर हुआ। एक ओर यह स्वतंत्रता का अमूल्य दिन था, तो दूसरी तरफ यह विभाजन की विभीषिका (Partition Horrors Remembrance Day) का साक्षी भी बना, जहाँ एक तरफ देश […]

Continue Reading

भारतीय राष्ट्रवाद का अन्वेषण

पिछले कई सौ वर्षों में झांक कर देखने पर हमें कई राष्ट्र बनते एवं बिगड़ते देखे हैं , कई राष्ट्र तो भाषा के आधार पर टूट कर अपना अस्तित्व ही खो बैठे , कई राष्ट्र अपना पुराना नाम तो अभी भी लिए हुए है लेकिन अपनी राष्ट्रीय विरासत यानी की अपनी संस्कृति को बैठे है […]

Continue Reading

Babasaheb Ambedkar’s Bold Vision for Bharat

Today, as we commemorate Dr. Bhimrao Ambedkar’s Jayanti on April 14, we reflect on the enduring legacy of a remarkable figure in modern Indian history. Dr. B.R. Ambedkar, a champion of democracy and human rights, played a pivotal role as the chairman of the drafting committee tasked with framing India’s new constitution following independence. Throughout […]

Continue Reading

“भारत” की ओर अग्रसर इंडिया!

नटबर राय “इंडिया” नाम पर शुरू से आपत्ति रही है। सन 1949 में संविधान सभा में अनुच्छेद-1 पर हुए बहस में भी “इंडिया” नाम पर आपत्ति थी। तब से लेकर अब तक “इंडिया” नाम पर पूर्ण सहमति नहीं बन पायी है। इंडिया’ के स्थान पर भारत, भारतवर्ष, आर्यावर्त, भारतभूमि एवं हिंदुस्तान जैसे सुझाव आये थे। […]

Continue Reading