Writer, Reader, Swayamsevak
हालांकि, यह शीर्षक मैंने स्वयं ही चुना है, पंडित दीनदयाल जी ने 26 वर्ष कि आयु में एक पत्र अपने मामा को लिखा था, और दूसरे अपने मामा के बेटे यानि भाई बनवारी के नाम l यह दोनों पत्र तो व्यक्तियो को ही सूचित थे, लेकिन इनमें जीवन्तता कि सुगंध और किरण मुझे मिलती है…
मेयर तो बहुत है, लेकिन यह मेयर खास है, इस मेयर कि कहानी समाज को एक प्रेरणा प्रदान करती है। इनका नाम है – राजेश कालिया, जो अभी-अभी चंडीगढ़ के मेयर बने हैंl राजेश कालिया बहुत ही गरीब परिवार से आते हैं। इतने गरीब कि अपना जीवन चलाने के लिए बचपन में कचरा और कूडा…
भारत में लोकतन्त्र पहचान के हिसाब से मौसम की तरह बदलता रहता है l यदि आप हिन्दू है तो मौसम का मिजाज आप के लिए रूखा रहेगा और गैर-हिन्दू होने पर हरा-भरा । अभिव्यक्ति की आज़ादी खतरे में इसलिए नहीं है की किसी विशेष वर्ग को बोलने नहीं दिया जा रहा, बल्कि इसलिए अभिव्यक्ति खतरे…
अगर किसी से हम यह पूछे कि समय क्या है ? तो उसका उत्तर होगा ढाई बजे हैं, या तीन बजे हैं l या वह उचित समय कि वर्तमान स्थिति को बताएगा जो उस क्षण घड़ी में होगी l लेकिन वास्तव में समय क्या है? तो इसका उत्तर है ” अस्तित्व कि सम्पूर्ण यात्रा में…
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