ब्रिटिश राज के घोर युग में,युनियन जैक के परचम तले,मै रेगिनाल्ड की सर्विस पिस्टल बनी,मै जनरल डायर की बंदूक। मै साथी थी उसकी,करीब 35 वर्षों तक,जान गई थी रग-रग उसकी,सर से पैर तक। एक दिन खबर मिली,या यों कि वैशाखी के दिन,पता किसे था यही बनेगा,कयामत-ए-जलियाँवाला का दिन। हुकुम था उसका बैसाखी पर,कोई न घर से निकला हो,जलियाँवाला […]
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