
–Written By Arun Mishra
मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 158 के मुताबिक वाहन चालक को ट्रैफिक पुलिस या संबंधित अधिकारी द्वारा मांगे जाने पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट और ड्राइविंग लाइसेंस दिखाना जरूरी है। अगर ट्रांसपोर्ट वाहन है यानी वाहन का कॉमर्शियल रूप से इस्तेमाल हो रहा है, तो फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ परमिट सर्टिफिकेट भी चालक को दिखाना होगा।
ये सभी दस्तावेज ओरिजनल होने चाहिए. इसका मतलब यह हुआ कि चालक दस्तावेज की फोटो कॉपी दिखाकर चालान या जुर्माने से बच नहीं सकते हैं. अगर किसी चालक के पास ये ओरिजनल दस्तावेज नहीं मिलते हैं, तो ट्रैफिक पुलिस चालान काट सकती है और गाड़ी को सीज कर सकती है. इसके बाद चालक को कोर्ट जाकर चालान भरना पड़ेगा. साथ ही गाड़ी को छुड़ाने के लिए भी कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ेंगे।
डिजिलॉकर में स्टोर कर सकते हैं आरसी डीएल और अन्य डॉक्युमेंट
अगर वाहन चालक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और फिटनेस सर्टिफिकेट की हार्ड कॉपी अपने पास नहीं रख पाते हैं, तो वो डिजीलॉकर (DigiLocker google play store से भी डाउनलोड किया जा सकता है) का इस्तेमाल कर सकते हैं। डिजिलॉकर में रखे दस्तावेजों को भी ओरिजनल हार्ड कॉपी की तरह ही माना जाता है।
ध्यान देने वाली बात
नवंबर 2018 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी करके डिजिलॉकर को कानूनी मान्यता प्रदान की थी। कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी डिजिलॉकर को मानने से इनकार नहीं कर सकता है।